loader image
Sat. May 18th, 2024


दिनांक 13 अप्रैल 2022 को माननीय मंत्री जी, विद्यालयी शिक्षा, उत्तराखण्ड द्वारा शिक्षा विभाग की विभागीय समीक्षा की गयी।
समीक्षा बैठक राज्य परियोजना कार्यालय, समग्र शिक्षा, उत्तराखण्ड के सभाागार कक्ष में आयोजित की गयी। बैठक में सचिव, विद्यालयी शिक्षा श्री आर0मीनाक्षी सुन्दरम एवं महानिदेशक, विद्यालयी शिक्षा श्री बंशीधर तिवारी द्वारा भी प्रतिभाग किया गया। बैठक के प्रारम्भ में महानिदेशक, विद्यालयी शिक्षा श्री बंशीधर तिवारी द्वारा माननीय मंत्री जी, विद्यालयी शिक्षा का अभिवादन किया गया तथा उनकी अनुमति के साथ डॉ0 मुकुल कुमार सती, अपर राज्य परियोजना निदेशक द्वारा विभागीय समीक्षा बैठक से सम्बन्धित बिन्दुओं पर प्रस्तुतीकरण दिया गया। मंत्री जी द्वारा माध्यमिक शिक्षा निदेशालय, प्रारम्भिक शिक्षा निदेशालय, एस0सी0ई0आर0टी0, समग्र शिक्षा एवं मध्याह्न भोजन योजना की अलग-अलग समीक्षा की गयी तथा तद्नुसार निम्नवत् दिशा-निर्देश दिये गये-
– प्रत्येक स्तर पर अध्यापकों की नियुक्ति एवं पदोन्नति से सम्बन्धित प्रकरणों के लिए स्पष्ट रोड मैप तैयार किया जाये तथा निर्धारित समयान्तर्गत कार्य पूरा भी किया जाये। इसी क्रम में उनके द्वारा प्राथमिक स्तर पर शिक्षकों की नियुक्ति से सम्बन्धित कार्य को 15 मई, 2022 तक पूर्ण करने के निर्देश दिए गये। अधिकारियों के डी.पी.सी. के सम्बन्ध में निर्देश दिये गये कि शासन को यथावश्यक प्रस्ताव उपलब्ध कराये जायं तथा शासन स्तर पर यथावश्यक समन्वयन भी किया जाय। मिनिस्ट्रियल स्टाफ के रिक्त पदों को पदोन्नति में भी तेजी लायी जाय तथा निर्धारित समयसीमा का पालन किया जाय। सुविधा जनक स्थानों से पदोन्नति पर न जाने वाले कार्मिकों के द्वारा बार-बार पदोन्नति को स्थगित रखने पर उन्हें अगली पदोन्नति में सम्मिलित न किये जाने के लिए यदि नियमावली में परिवर्तन किये जाने की आवश्यकता हो तो विभागीय स्तर से तदनुसार प्रस्ताव तैयार किया जाने के निर्देश दिये गये।
– राज्य में विद्यालयी शिक्षा से वंचित बच्चों की वास्तविक संख्या की जानकारी प्राप्त करने एवं सभी बच्चों को विद्यालयी शिक्षा से जोड़े जाने हेतु सर्वेक्षण किये जाने के निर्देश दिये गये तथा इसके लिए विभागीय स्तर पर प्रारम्भिक एवं माध्यमिक शिक्षा के लिए नोडल अधिकारी भी नामित करने के निर्देश दिये गये। सचिव विद्यालयी शिक्षा द्वारा इस सन्दर्भ में निर्देश दिये गये कि विभागीय स्तर से श्रम विभाग से समन्वयन स्थापित करते हुए बाल श्रम में लगे बच्चों की सूचना प्राप्त कर ली जाय।
– बोर्ड परीक्षाओं के परीक्षाफल में सुधार हो सके, इसके लिए माननीय मंत्री जी द्वारा प्रत्येक वर्ष के लिए लक्ष्य निर्धारित किये जाने निर्देश दिये गये तथा अगले वर्ष हेतु लक्ष्य 90 प्रतिशत रखा जाय।
– विद्यालयों में भौतिक संसाधनों के अभाव को देखते हुए माननीय मंत्री जी द्वारा प्रकरण की विस्तरित समीक्षा की गयी। उनके द्वारा प्रत्येक स्तर पर भौतिक संसाधनों के गैप का विश्लेषण करने तथा गैप को दूर किये जाने के लिए सभी सम्भावित स्रोतों यथा- राज्य सेक्टर, जिला योजना, नाबार्ड, एम0पी0/एम0एल0ए0 फण्ड, विशेष सहायतित योजना, समग्र शिक्षा, औद्योगिक घराने, सी0एस0आर0 के अन्य स्रोत आदि का संज्ञान लेते हुए आगामी तीन वर्षों में विद्यालयों में सभी भौतिक संसाधनों को उपलब्ध कराये जाने के उद्देश्य से कार्ययोजना बनाये जाने के निर्देश दिये गये। इसी क्रम में उनके द्वारा राज्य सरकार के स्तर से की जाने वाली माँग से सम्बन्धित बजट प्रस्ताव से अवगत कराये जाने के निर्देश दिये गये। इस वित्तीय वर्ष में उनके द्वारा शत्-प्रतिशत विद्यालयों में शत् प्रतिशत बच्चों को फर्नीचर उपलब्ध कराये जाने का लक्ष्य निर्धारित करते हुए विभागीय योजना बनाने के निर्देश दिये गये।
– विद्यालयों के उच्चीकरण के संदर्भ में उनके द्वारा निर्देश दिये गये कि माननीय विधायकों द्वारा उच्चीकरण हेतु उपलब्ध कराये जाने वाले प्रस्तावों का तत्काल संज्ञान लेते हुए निर्धारित मानकों के अनुरूप उनकी मैपिंग की जाये।
– राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर पृथक से चर्चा करने के निर्देश के साथ ही उनके द्वारा निर्देश दिये गये कि राज्य में बाल वाटिका संचालित किये जाने हेतु सम्बन्धित विभागों के साथ समन्वयन बैठक आयोजित की जाये तथा बाल वाटिका के संदर्भ मंे जनसमुदाय से ऑनलाइन सुझाव भी लिये जाने की कार्यवाही की जाये।
– राज्य के कमजोर वर्गों के प्रतिभावान छात्र-छात्राओं को मेडिकल एवं इंजिनियरिंग की तैयारी के लिए अवसर उपलब्ध कराये जाने के लिए सुपर-100 कार्यक्रम के लिए ठोस रणनीति बनाई जाये तथा इन्हें आवासीय कोचिंग दी जाये, जिसमें बच्चों एवं कोचिंग देने वाले शिक्षकों का चयन पारदर्शिता के आधार पर किया जाये।
– माननीय मंत्री जी द्वारा निर्देश दिये गये कि विभागीय स्तर पर जो नियमावली बननी है यथा डायट, राजीव गाँधी नवोदय विद्यालय, सीमैट आदि उनके लिए विभागीय स्तर पर अधिकारी नियुक्त किये जायें तथा तत्काल नियमावली तैयार कर सक्षम स्तर पर अनुमोदन हेतु उपलब्ध करायी जाये।
– निजी विद्यालयों में अध्ययनरत् बच्चों के शुल्क के सम्बन्ध मंे समय-समय पर अभिभावकों की शिकायत न रहे इसके लिए फीस अधिनियम बनाये जाने हेतु तत्काल कार्यवाही किये जाने के निर्देश दिये गये।
– विद्यालयों एवं शिक्षकों को समय-समय पर प्रोत्साहित किये जाने के दृष्टिगत निर्देश दिये गये कि प्रत्येक पाँच अच्छे विद्यालयों तथा उनके शिक्षकों को चिह्नित किये जाने के निर्देश दिये गये तथा उन्हें प्रत्येक वर्ष पुरस्कार दिये जाने हेतु कार्ययोजना बनाये जाने के निर्देश दिये गये। शैलेश मटयानी पुरस्कार के अन्तर्गत राज्य सरकार सीधे पाँच श्रेष्ठ शिक्षकों को पुरस्कृत कर सके इसके लिए शैलेश मटयानी पुरस्कार की नियमावली में आवश्यक संशोधन किये जाने हेतु कार्ययोजना तैयार किये जाने के निर्देश दिये गये।
– माननीय मंत्री जी द्वारा शिक्षा व्यवस्था एवं गुणवत्तापूर्ण शिक्षा हेतु अन्य राज्यों में किये जा रहे उत्कृष्ट प्रयासों का संज्ञान लेते हुए उनमें से राज्य हित में अच्छे प्रयासों का क्रियान्वयन किये जाने के लिए आवश्यक योजना तैयार करने के भी निर्देश दिये गये।
– शिक्षकों के स्थानान्तरण के लिए पारदर्शी व्यवस्था बनाये जाने के लिए अन्य राज्यों एवं केन्द्र की स्थानान्तरण नीति का अध्ययन कर लिया जाये तथा तद्नुसार जनहित में राज्य के लिए स्थानान्तरण अधिनियम में यथावश्यक संशोधन किये जाने के लिए प्रस्ताव तैयार किया जाये।
– सचिव विद्यालयी शिक्षा द्वारा प्रत्येक कक्षा के लर्निंग आउटकम को प्राप्त करने हेतु किये जा रहे प्रयासों के साथ ही बच्चों में तर्क शक्ति के विकास आदि के लिए भी कार्ययोजना बनाये जाने के निर्देश दिये गये। उनके द्वारा राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अन्तर्गत निर्धारित टॉस्क को समय सीमा के अन्तर्गत प्राप्त किये जाने हेतु ठोस रणनीति बनाये जाने एवं उसे क्रियान्वित किये जाने के निर्देश दिये गये।
बैठक में श्री आर0के0 कुँवर, निदेशक, माध्यमिक शिक्षा, श्रीमती बन्दना गर्ब्याल, निदेशक, प्रारम्भिक शिक्षा, श्री आर0के0 उनियाल, अपर निदेशक, माध्यमिक शिक्षा, डॉ0 आर0डी0 शर्मा, अपर निदेशक, एस0सी0ई0आर0टी0, मो0 गुलफाम अहमद, वित्त नियंत्रक आदि उपस्थित रहे।

फ़िलहाल मे