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Thu. May 16th, 2024

मीडिया कर्मियों के लिए भी तैनात हो नोडल अधिकारी

Dehradun: वर्तमान समय कोरोना महामारी के दौर से गुजर रहा है। सरकारी कर्मचारियों को लंबी लंबी छुट्टियों की घोषणा की जा चुकी है तो वहीं निजी क्षेत्रों में भी कर्मचारियों को घर बैठकर कार्य करने के आदेश दिए गए हैं। इन सबके बीच “पत्रकार एवं पुलिस” दो ऐसे वर्ग हैं जिन्हें अपने कार्य को पूरा करने के लिए सड़कों पर निकलना ही पड़ता है। इनमें भी पत्रकारों की हालत बेहद दयनीय है जो तमाम संसाधनों के अभावों के बावजूद अपने काम क अंजाम देते हैं।
गत गत वर्ष भी पत्रकारों ने सड़कों पर उतर कर अपनी जान की परवाह ना करते हैं खबरों को जन-जन तक पहुंचाया यहां तक की तमाम विभागों द्वारा किए गए प्रयासों को प्रचारित किया ताकि सरकार एवं विभागों की कार्य शैली एवं प्रयास लोगों तक पहुंचे। इनमें ऐसे पत्रकार भी शामिल थे जो किसी बैनर से नहीं जुड़े हुए हैं लेकिन बावजूद इसके अपने कार्य एवं जिम्मेदारी को बेहद तन्मयता के साथ पूरा कर रहे हैं।
वर्तमान दौर में भी सरकार की विभिन्न गाइडलाइंस को जनता तक पहुंचाने का भगीरथ प्रयास मीडिया कर्मी ही कर रहे हैं अन्यथा सरकार के पास ऐसा कोई मजबूत एवं सर्व सुलभ जरिया नहीं है कि वह जन जन तक अपनी योजनाओं एवं जनता को दी जाने वाली सुविधाओं को पहुंचा सके।
यहां यह जरूरी हो गया है कि सरकार जहां अपने कर्मचारियों के बारे में गंभीरता से चिंतन कर रही है तो वही पत्रकारों की सुरक्षा को लेकर भी कोई ना कोई नीति जरूर बननी चाहिए। पत्रकारों की सुविधा एवं सुरक्षा के लिए भी नोडल अधिकारी की तैनाती हो जो पत्रकारों की सुध ले सके। कितने ही पत्रकार कोरोना से संक्रमित हो चुके हैं और अपने ही खर्चे पर इलाज करा रहे हैं। बेहद सीमित आय होने के बावजूद महंगा इलाज कराना संभव नहीं है।
यही स्थिति मान्यता प्राप्त पत्रकारों के साथ भी है जिन्हें मेडिकल की सुविधा सरकारी दरों पर दी जाती है लेकिन कैशलेस भर्ती होने की कोई सुविधा तब तक सरकार की ओर से जारी नहीं की गई है।
मीडिया कर्मी चाहे वह किसी भी समाचार पत्र चैनल या पोर्टल से जुड़ा हुआ हो उसके लिए सरकार को नोडल अधिकारी की तैनाती करते हुए उनकी समस्याओं का निवारण करना चाहिए एवं साथ ही कोरोना संक्रमित होने की दशा में तत्काल उपचार के लिए भी दिशा निर्देश जारी करने चाहिए।
सौजन्य से श्री ललित उनियाल

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